Pashu Bima Yojana: राजस्थान सरकार ने किसानों और पशुपालकों की आर्थिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए Pashu Bima Yojana यानी मुख्यमंत्री कामधेनु पशु बीमा योजना शुरू की है। यह योजना 2019 में लॉन्च की गई थी और आज भी लाखों ग्रामीण परिवारों के लिए बड़ी राहत साबित हो रही है। इस योजना के तहत पशुओं का बीमा कराया जाता है और उनकी मृत्यु या स्थायी विकलांगता की स्थिति में परिवार को मुआवजा दिया जाता है।

योजना का उद्देश्य और महत्व
ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पशुपालन का बेहद महत्वपूर्ण स्थान है। किसान और पशुपालक अपनी आय का बड़ा हिस्सा गाय, भैंस, ऊँट, बैल और घोड़े जैसे पशुओं से कमाते हैं। लेकिन किसी बीमारी, दुर्घटना या प्राकृतिक आपदा के कारण यदि पशु की मृत्यु हो जाती है तो किसान को बड़ा नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे ही नुकसान से बचाने और किसानों की आय को सुरक्षित करने के लिए Pashu Bima Yojana लागू की गई है।
Pashu Bima Yojana की जानकारी
| श्रेणी | डिटेल्स |
| योजना का नाम | Pashu Bima Yojana (मुख्यमंत्री कामधेनु पशु बीमा योजना) |
| शुरुआत | वर्ष 2019, राजस्थान सरकार |
| लाभार्थी | किसान और पशुपालक |
| बीमा कवरेज | गाय, भैंस, बैल, ऊँट, घोड़ा और अन्य आर्थिक पशु |
| अधिकतम राशि | प्रति पशु 40,000 रुपये |
| बीमा सीमा | प्रति परिवार अधिकतम 5 पशु |
| प्रीमियम शेयरिंग | 70% राज्य सरकार, 30% किसान/पशुपालक |
| आवेदन स्थान | पशुपालन विभाग कार्यालय या ई-मित्र केंद्र |
| जरूरी दस्तावेज़ | आधार कार्ड, जन आधार, बैंक पासबुक, पशु की फोटो, ईयर टैग नंबर |
| उद्देश्य | पशुधन की सुरक्षा और किसानों की आय में स्थिरता |
प्रीमियम और सरकार की सहायता
इस योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि बीमा कराने के लिए बहुत कम प्रीमियम देना पड़ता है। इसमें 70% प्रीमियम का खर्च राज्य सरकार उठाती है, जबकि किसान या पशुपालक को केवल 30% राशि देनी होती है। यह सुविधा छोटे और मध्यम वर्ग के किसानों को अपने पशुओं का बीमा कराने में सक्षम बनाती है।
आवेदन प्रक्रिया
इस योजना का लाभ उठाने के लिए पशुपालक को अपने नजदीकी पशुपालन विभाग कार्यालय या ई-मित्र केंद्र में आवेदन करना होता है। आवेदन के लिए ईयर टैग नंबर और पशु की फोटो जरूरी होती है। इसके अलावा आधार कार्ड, जन आधार और बैंक पासबुक जैसे दस्तावेज़ भी जमा करने होते हैं। प्रीमियम जमा करने के बाद बीमा पॉलिसी जारी की जाती है।

किसानों और पशुपालकों को लाभ
Pashu Bima Yojana किसानों को उस समय राहत देती है जब उनके पशु की मृत्यु या स्थायी विकलांगता हो जाती है। मुआवजे की राशि मिलने से उनकी आजीविका सुरक्षित रहती है और परिवार आर्थिक संकट से बच जाता है। इससे न केवल ग्रामीण परिवारों की आय में स्थिरता आती है बल्कि पशुपालन को भी प्रोत्साहन मिलता है।
कुल मिलाकर, Pashu Bima Yojana किसानों और पशुपालकों के लिए सुरक्षा कवच है। यह योजना पशुधन की सुरक्षा और किसानों की आय को स्थिर बनाए रखने में अहम भूमिका निभा रही है। सरकार द्वारा प्रीमियम का बड़ा हिस्सा वहन करने से यह योजना हर वर्ग के किसान और पशुपालक के लिए सुलभ बन गई है। इससे पशुपालन को बढ़ावा मिलता है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था मज़बूत होती है।
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